Their Words, Their Voice

Ghazals, Nazms....

Friday, July 22, 2005

ज़िन्दग़ी की राह में टकरा गया कोई

Lyricist:
Singer: Mehdi Hasan

ज़िन्दग़ी की राह में टकरा गया कोई
इक रोशनी अँधेरे में दिखला गया कोई।

वो हादसा वो पहली मुलाक़ात क्या कहूँ,
कितनी अजब थी सूरत-ए-हालात क्या कहूँ।
वो क़हर, वो ग़ज़ब, वो जफ़ा मुझको याद है,
वो उसकी बेरुख़ी की अदा मुझको याद है।
मिटता नहीं है ज़ेहन से यूँ छा गया कोई।

पहले वो मुझको देखकर बरहम-सी हो गई,
फिर अपने ही हसीन ख़यालों में खो गई।
बेचारगी में मेरी उसे रहम आ गया,
शायद मेरे तड़पने का अंदाज़ भा गया।
साँसों से भी क़रीब मेरे आ गया कोई।

अब उस दिल-ए-तबाह की हालत ना पूछिए
बेनाम आरज़ुओं की लज़्ज़त ना पूछिए।
इक अजनबी था रूह का अरमान बन गया
इक हादसा था प्यार का गुनगान बन गया।
मंज़िल का रास्ता मुझे दिखला गया कोई।

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I am not sure if I have heard the word गुनगान correctly. Correction/Confirmation?

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क़हर = Rage, Anger
जफ़ा = Oppression, Injustice
ज़ेहन = Mind
बरहम = Confused, Topsy-turvy, Angry, Vexed
लज़्ज़त = Deliciousness, Pleasurable Experience, Relish, Pleasure Enjoyment


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