Their Words, Their Voice

Ghazals, Nazms....

Thursday, July 21, 2005

हमारी साँसों में आजतक वो

Lyricist:
Singer: Mehdi Hasan

हमारी साँसों में आजतक वो हिना की ख़ुशबू महक रही है।
लबों पे नग़में मचल रहे हैं नज़र से मस्ती छलक रही है।

कभी जो थे प्यार की ज़मानत वो हाथ हैं ग़ैर की अमानत
जो कसमें खाते थे चाहतों की उन्हीं की नीयत बहक रही है।

किसी से कोई गिला नहीं है, नसीब ही में वफ़ा नहीं है
जहाँ कहीं था हिना को खिलना हिना वहीं पे महक रही है।

वो जिनकी ख़ातिर ग़ज़ल कही था वो जिनकी ख़ातिर लिखे थे नग़मे
उन्हीं के आगे सवाल बन के ग़ज़ल की झाँझर झनक रही है।


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