एक बस तू ही नहीं मुझसे ख़फ़ा हो बैठा
Lyricist: Farhat Shahzad
Singer: Mehdi Hasan
एक बस तू ही नहीं मुझसे ख़फ़ा हो बैठा
मैंने जो संग तराशा वो ख़ुदा हो बैठा।
उठ के मंज़िल ही अगर आए तो शायद कुछ हो
शौक-ए-मंज़िल तो मेरा आबलपा हो बैठा।
शुक्रिया ऐ मेरे क़ातिल ऐ मसीहा मेरे
ज़हर जो तूने दिया था वो दवा हो बैठा।
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Could not find the meaning of आबलपा. Any help?
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संग = Stone
Categories: FarhatShahzad
1 Comments:
आपला बा :the blistering of feet
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