Their Words, Their Voice

Ghazals, Nazms....

Sunday, July 03, 2005

बाद मुद्दत उन्हे देखकर यूँ लगा

Lyricist:
Singer: Jagjit Singh, Chitra Singh

बाद मुद्दत उन्हे देखकर यूँ लगा
जैसे बेताब दिल को करार आ गया।
आरजुओं के गुल मुसकुराने लगे
जैसे गुलशन में जान-ए-बहार आ गया।

तश्ना नज़रें मिलीं शोख़ नज़रों से जब
मय बरसने लगी जाम भरने लगा।
साक़िया आज तेरी ज़रूरत नहीं
बिन पिए, बिन पिलाए ख़ुमार आ गया।

रात सोने लगी सुबह होने लगी
शमाँ बुझने लगी दिल मचलने लगे
वक़्त की रोशनी में नहाई हुई
ज़िन्दगी पे अजब सा निखार आ गया।

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तश्ना = Thirsty

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