Their Words, Their Voice

Ghazals, Nazms....

Wednesday, July 06, 2005

कठिन है राह-गुज़र थोड़ी देर साथ चलो

Lyricist: Ahmed Faraz
Singer: Ghulam Ali

कठिन है राह-गुज़र थोड़ी देर साथ चलो।
बहुत कड़ा है सफ़र थोड़ी देर साथ चलो।

तमाम उम्र कहाँ कोई साथ देता है
ये जानता हूँ मगर थोड़ी दूर साथ चलो।

नशे में चूर हूँ मैं भी तुम्हें भी होश नहीं
बड़ा मज़ा हो अगर थोड़ी दूर साथ चलो।

ये एक शब की मुलाक़ात भी गनीमत है
किसे है कल की ख़बर थोड़ी दूर साथ चलो।

तोआफ़-ए-मंज़िल-ए-जाना हमें भी करना है
'फ़राज़' तुम भी अगर थोड़ी दूर साथ चलो।
--

I am almost sure I have heard the word तोआफ़ correctly, but I can not locate a suitable meaning. Any help?

--
शब = Night

Categories:

0 Comments:

Post a Comment

<< Home