Their Words, Their Voice

Ghazals, Nazms....

Tuesday, July 05, 2005

ऐसा लगता ज़िन्दगी तुम हो

Lyricist: Bashir Badr
Singer: Chitra Singh

ऐसा लगता ज़िन्दगी तुम हो
अजनबी कैसे अजनबी तुम हो।

अब कोई आरज़ू नहीं बाकी
जुस्तजू मेरी आख़िरी तुम हो।

मैं ज़मीं पर घना अँधेरा हूँ
आसमानों की चाँदनी तुम हो।

दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें
किस ज़माने के आदमी तुम हो।

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जुस्तजू = Desire, Search, Enquiry

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