Their Words, Their Voice

Ghazals, Nazms....

Tuesday, June 21, 2005

अगर हम कहें और वो मुसकुरा दें

Lyricist: Sudarshan Faakir
Singer: Jagjeet Singh, Chitra Singh

अगर हम कहें और वो मुसकुरा दे
हम उनके लिए ज़िन्दगानी लुटा दें।

हर इक मोड़ पर हम ग़मों को सज़ा दें
चलो ज़िन्दग़ी को मोहब्बत बना दें।

अगर ख़ुद को भूले तो कुछ भी न भूले
कि चाहत में उनकी ख़ुदा को भुला दें।

कभी ग़म की आँधी जिन्हें छू न पाए
वफ़ा के हम वो नशेमन बना दें।

क़यामत के दीवाने कहते हैं हमसे
चलो उनके चेहरे सा परदा हटा दें।

सज़ा दें, सिला दें, बना दें, मिटा दें
मगर वो कोई फ़ैसला तो सुना दें।

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